ग्रामीण महिला उद्यमी (RWE) फैलोशिप वर्कशॉप | बहराइच, उत्तर प्रदेश

दिनांक: 24 /5 /2024 से 26 /5/ 2024
स्थान: बहराइच, उत्तर प्रदेश
अयोजक: सरजू फाउंडेशन और प्लसट्रस्ट

नमस्ते मैं शैलेश आपको बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि ग्रामीण महिला उद्यमी फैलोशिप वर्क शॉप उद्देश्यों के साथ पूर्ण व उत्साह पूर्वक संचालन की गई हैl जिसका संचालन अफाक जी सिम्मी जी और शैलेश के द्वारा किया गया जिसकी रिपोर्ट आपके साथ साझा कर रही हूंl

24/5/2024

परिचय सत्र🫂
आज सबसे पहले सभी साथी का परिचय करवाया गया कहां से आए हैं और क्या करते हैं इसके बारे में सभी साथी ने बताया उसके बाद सभी के दो दो प्यार बाते गए और प्यार के अनुसार एक दूसरे के बारे में जानने और समझने परिचय का मौका दिया गयाlउसके बाद में शैलेश के द्वारा एक गेम करवाया गया आप फल बनाा चाहते हैं तो कौन सा फल बनोगे और कौन से शहर में घूमने चाहोगे एक गेम करवाया गया l

(River of life) 🌅
सिम्मी जी के द्वारा मेडिटेशन करवाया गया जिसमें पिछले 5 सालों में अपने कैसा महसूस किया है क्या-क्या चुनौतियां आई हैंl उन चुनौतियों को कैसे पार किया हैl अभी अपने आप को कहां पर देख रहे हैंl इस तरह के निर्देश देते हुए मेडिटेशन करवाया गया मेडिटेशन करवाने के बाद शैलेश के द्वारा चर्चा शुरू की गई सभी साथी से पूछा गया आपको कैसा लगा कैसा महसूस हुआ गतिविधि को करते समय आपको कैसा लग रहा थाl अफाक जी के द्वारा चर्चा और आगे बढ़ाई गईl जिस पर काफी लंबी चर्चा हुई | सभी साथी ने 5 साल की यात्रा को चार्ट पेपर पर दर्शाया फिर दो-दो साथियों का ग्रुप बनाया गया और जो जीवन का नदी बनाया था सभी साथी ने उसको अपने साझा किया और उनका सुना 20 मिनट का समय सभी साथियों को दिया गया |
इसके अलावा सभी साथी ने अपने जीवन यात्रा के बारे में सभी साथी के सामने सभी ने प्रेजेंट किया प्रेजेंट करने के दौरान कई सारी बातें निकाल कर आई- 

1-अपने बारे में कभी सोचने का मौका नहीं मिलता है l
2- पिछली जिंदगी के बारे में याद आ रहा था l
3- river of life बनाने में काफी दुख भी हुआ और काफी खुशी भी मिलीl
4-जैसे नदी में पानी कम ज्यादा होता है वैसे हम लोगों की जिंदगी में उतार-चढ़ाव होता हैl
5-लाइफ में पहली बार ऐसा सोचने का मौका मिलाl
6-मुझे पहले बार मौका मिला अपने बारे में लिखने और सोचने का सभी साथी ने बतायाl साथियों की बातों में शैलेश ने जोड़ते हुए अपनी बातों को भी रखा l

और बताया गया कि जीवन में बहुत रुकावट आती हैl लेकिन आपको रास्ता निकालना हैl और रुकना नहीं है
सभी साथी अपनी अपनी जीवन की नदी सभी के सामने प्रेजेंट किया

उसके बाद में सभी साथियों ने लंच किया 🍱🧆

प्लसट्रस्ट के अनुभव को साझा करना🗣️
सिम्मी , शैलेश ,शुभी,उल्फत के द्वारा जब उनकी फैलोशिप हुई थीl फैलोशिप की दौरान कैसा लगा क्या सीख रही और प्लसट्रस्ट में जुड़ने के बाद उनके जीवन में क्या बदलाव आया है वह अनुभव साझा कियाl

मूल आधारित भाषा को लेकर ऑनलाइन सेशन (जुबान संभाल के) 📝
जुबान संभाल की अभिषेक के द्वारा सेशन लिया गया अभिषेक लखनऊ के रहने वाले युवा हैं और यह आमतौर पर हमारी भाषा ऐसी होनी चाहिए जो किसी की गरिमा को ठेस ना पहुंचाएं यह उसे पर संवाद के द्वारा एक समझ विकसित करते हैं अभिषेक गरिमा फैलोशिप के फेलो हैं और जो शैलेश के दोस्त है जिनके द्वारा प्रतिभागियों ने भाषा का उपयोग कैसे करते हैं इस पर सभी से बातचीत किया गया और एक बेहतर समझ विकसित की आमतौर हम हमेशा अपने लिए ब और दूसरों के लिए एक राय बनाकर रखते हैं और इसी संदर्भ में सेशन पर बातचीत की गईl
सेशन के बाद प्रतिभागियों से शैलेश के द्वारा सेशन कैसा लगा और क्या समझ बनी इस पर समीक्षा की गई और सभी ने अपनी अपनी बातों को रखा मूल्य आधारित भाषा कैसे होनी चाहिए इस पर सभी की समझ विकसित हुईl

Five finger activity 🖐
शैलेश जी के द्वाराफाइव फिंगर एक्टिविटी करवाई गई जिसमें शैलेश जी के द्वारा चर्चा शुरू की गई कि हमारे अंदर कौशल, पसंद, ना पसंद, ताकत, कमजोरी, सब होती है और हाथ के पंजों से निर्देश देते हुए फिर उसे पर बातचीत शुरू की कि हमें इसको पहचान की जरूरत है और अगर हम अपनी ताकत को पहचान ले और कमजोरी पर कार्य करना शुरू करते तो हम एक बेहतर इंसान बन सकते हैं और इन सारी चीजों को समझने के बाद हम अपने आप को समझ के मुट्ठी बंद करके एक ताकतवर इंसान बन सकते हैं इस तरीके की बातचीत को साझा करते हुए प्रतिभागियों को फाइव फिंगर एक्टिविटी पर्चा देते हुए समझ बनाई गई और और अपने को पहचान और समझने के लिए पांच बिंदुओं पर लिखने को कहां गया

1 -ताकत
2-क्या हासिल करना चाहती हैंl
3- कौशल और योग्यताl
4- नापसंद
5- कमजोरी
अफाक जी के द्वारा सभी साथियों ने इसको समझते हुए अपने आप को पहचानते हुए इसके बारे में लिखा और बारी-बारी से सभी ने साझा किया अपने कमजोरी पर काम करने के बारे में बात रखी और अपनी ताकत को पहचान कर आगे बढ़ाने के बारे में सोचा

🛺 एक्सपोजर विजिट
एक्सपोजर विजिट के लिए आगा खान फाउंडेशन के द्वारा कैरी बैग प्रोडक्ट को बनते हुए और बजट को समझने के लिए सभी प्रतिभागियों को वहां पर जाने के लिए सूचना दी गई और निर्देश दिए गए कि वहां पर आप जाकर क्या देखेंगे और क्या करेंगे जिसके लिए दो ग्रुप बनाए गए परंतु जाने से पहले वहां से कॉल आई और वहां पर होने वाली विजिट को आपातकालीन रोकना पड़ा क्योंकि उसे दिन उनकी कुछ व्यक्तिगत आवश्यकता के कारण वह विजिट करने को तैयार नहीं हुए | 

फिर शैलेश जी के द्वारा 4 ग्रुप बनाया गया और बताया गया कि आप लोगों को 4 लोकल मार्केट में जाकर वहां की स्थिति बजट और किस तरह के प्रोडक्ट है इस पर ऑब्जरवेशन करना है जिसके लिए समूह में कुछ सवाल दिए गएl

1 महिलाओं के बने हुए प्रोडक्ट बाजार में उपलब्ध है या नहीं ?
2 क्या महिलाओं के लिए मार्केट में स्पेस है ?
3 मार्केट में आने वाले प्रोडक्ट कहां से आते हैं, क्या प्रक्रिया हैं ?
4 छोटी और बड़ी दुकानों में क्या अंतर है ?

25/5/2024 दूसरा दिन

पहले दिन का रिफ्लेक्शन और फील्ड विजिट के संबंध में चर्चा
शैलेश जी के द्वारा एक्टिविटी से सेशन की शुरुआत की गई, सहयोगी साथी गीता जी के द्वारा एक गीत करवाया गया | गीत करवाने के बाद में जो 4 ग्रुप मार्केट में गए थे, उनके द्वारा चार्ट पेपर पर जो मार्केट उन्होंने अवलोकन किया | उन्होंने जो समझ बनाई और बातचीत की उसको सभी साथी ने चार्ट पेपर पर लिखा जिसके लिए सभी साथी को 20 मिनट का टाइम दिया गया l दिए गए सवालों के आधार पर उन्होंने वहां की अवलोकन प्रक्रिया लिखने और प्रस्तुति के बारे में बताया गया | निर्देश दिए गए की प्रस्तुति लिखकर या रोल प्ले के माध्यम से भी कर सकते हैंl

सभी साथी ने अपने ग्रुप के साथ प्रेजेंटेशन किया जो फील्ड विजिट के दौरान दिखा | जिसमें महिलाओं द्वारा प्रोडक्ट बना दिखा, कई साथियों ने चार्ट पेपर पर बनाकर प्रस्तुति किया और कई साथियों ने जिससे बातचीत की थी उनके आपबीती को भी बताया | महिलाओं से बात करने पर कई सारे सवाल निकाल कर आए |  

सभी साथियों के साथ लंच किया गयाl🍱🍱

लंच करने के बाद रीना जी के द्वारा एक गीत हुआ और फिर इस गीत का क्या मतलब थाl इस पर बातचीत हुआ और फिर प्लसट्रस्ट के कार्य से जुड़ी हुई शॉर्ट मूवी दिखाई गई जो महिलाएं और किशोरियों पहले प्लसट्रस्ट में कार्य कर चुकी हैं l उन महिला और किशोरियों की क्या सीख रही, कैसे आगे बढ़ी और अभी तक कैसे क्या कार्य कर रही हैl इसके बारे में सभी प्रतिभागियों की समझ बनाई गईl

ऑनलाइन संवाद प्लस ट्रस्ट की ट्रस्टी के साथ💻
ललिता जी के साथ यह फेलोशिप क्यों ? इस कार्यक्रम को वह किस तरह देखते हैंl

उसके बाद में ललिताआंटी के द्वारा सभी साथियों का आइडिया और प्लान सुना गया और 6 महीने के बाद तुम लोगों का कैसा काम रहेगा उसके बारे में क्या सोच रहे हो और बहुत सारी बातचीत हुई | 
ललिता मैंम सभी को बेहतर तरीके से काम करने के बारे में रास्ते बताएं और अपनी सोच और विचार शुरू से ही कैसे रखते हैं इस पर सभी प्रतिभागियों को इनपुट दिए सभी प्रतिभागियों द्वारा कुछ-कुछ सवाल भी पूछे गए जिसका बहुत सहज रूप से उन्होंने जवाब दिया और सभी साथियों से बारी-बारी से बातचीत की यह ऑनलाइन संवाद में उन्होंने प्लसट्रस्ट फैलोशिप की क्या उद्देश्य हैं और यह भविष्य में किस तरह से आगे जा सकती हैl इस पर सभी साथियों से संवाद कियाl

कार्य योजना बनाने पर चर्चा📝
शैलेश जी और सिमीमी जी के द्वारा बजट बनाने पर सभी साथी से बातचीत हुई सभी साथी को बताया गया कि आप लोग 6 महीने में कैसे अपना बजट बनाएंगे इस पर सभी साथी से बातचीत किया गया और बजट बनाने का कार्य दिया गया जिसमें कार्य योजना और बजट बनाने की प्रक्रिया में कुछ बिंदुओं के आधार पर वे समझ सकते हैं और कार्य योजना को बना सकते हैं जो इस प्रकार बताएl और उनको बजट और कार्य योजना बनाने के लिए रात्रि का कार्य दिया गया

  • क्या
  • कब
  • क्यों
  • कैसे

26/5/2024 तीसरा दिन
पूर्व के दिन पर चर्चा और अपने परिवेश पर संवाद🗣️
हर एक प्रतिभागी के लिए यह दो दिन कैसा रहा और उनको कैसे अपने कामों में जोड़कर देख रहे हैं
सभी साथी के साथ रीकैप करवाया गया | 2 दिन में आप लोगों को क्या अच्छा लगा, क्या समझ बनी, इसके बारे में सभी साथी ने पूर्व दिन पर अपने-अपने समझ को साझा किया |  साथियों के द्वारा बहुत सारे सवाल निकल कर आए |
जैसे – नदी परवाह
फाइव फिंगर एक्टिविटी
अपने बारे में जानने को मिला बजट कैसे बनता है lइसके बारे में पता चला इन जैसे मुद्दों पर बातचीत हुईl

ऑनलाइन संवाद टोली संस्था के साथ महावारी स्वच्छता पर👩⚕
ज्योति जी टोली संस्था के कार्य करता है जो महिलाओं के लीगल मुद्दे और स्वास्थ्य को लेकर कार्य करती हैं जिनके द्वारा माहवारी स्वच्छता को लेकर 2 घंटे का सेशन करवाया गया, जिसमें कई सवाल पूछा गया

*हम जब बड़े होते तो हमारे अंदर क्या बदलाव आता हैl
*माहवारी कितने दिन रहता हैl
*पैड का इस्तेमाल कैसे करते है| कपड़ा और पैड में क्या फर्क है इसके बारे में बताया गया
*इसके अलावा पीरियड्स के दौरान कैसा महसूस होता है इसके बारे में बताया गया
ऑनलाइन सेशन खत्म होने के बाद शैलेश ने सेशन को समेटा और बड़ी-बड़ी सभी से उनकी क्या समझ बनी क्या सीख बनी स्वास्थ्य के प्रति वह कैसी राय रखते हैं इस पर संवाद किया गयाl

सभी साथियों के साथ भोजन किया गया🍱

उसके बाद में सभी साथी ने अपनी कार्य योजना और बजट प्रस्तुत किया सभी ने बड़ी-बड़ी प्रेजेंटेशन किया और सभी के बनाए गए कार्य योजना और बजट के दौरान शैलेश के द्वारा सवालों के आधार पर संवाद की प्रक्रिया जारी रही | मार्केटिंग से कैसे जोड़ पाएंगे?,  आगे 6 महीने में इसको आप कहां देख रहे हैं?,  अभी कितना शुरू हो पाया है ?, और क्या इसके पहले इसको करने की कोशिश की है?,  और भी इस तरह के कई सवाल जोड़ते हुए संवाद के साथ-साथ प्रेजेंटेशन किया गया |

मूल प्रस्ताव पर चर्चा
संवाद और अपने प्रस्ताव का पुनः अवलोकन करें अगर आपके 3 दिन की वर्कशॉप में जुड़ने के बाद विचार यह आइडिया में कोई और बदलाव आया है तो उसको जोड़ सकते हैं, इस तरह पिछले तीन दिन के कार्य को देखते हुए सभी साथियों के साथ चर्चा की गई 3 दिन में क्या अवलोकन किया, उनका क्या रिफ्लेक्शन रहा अपने कार्य के प्रति, अपने कार्य योजना के प्रति उनके दिए गए आइडिया पर अगर वह कुछ और सोच रहे हैं, कुछ बदलाव हो रहा है तो वह उसको जोड़ते हुए आगे बढ़ सकते हैं, इस तरह से उन्हें समझ बनाई गई, उनके बजट और कार्य योजना को लेकर | अपने प्रपोजल को और बेहतर कैसे कर सकते हैं लिखने की प्रक्रिया पर भी बातचीत की गई और जो हमने बिंदु दिए हैं उन पर ध्यान केंद्रित करके प्रपोजल को बनाना है इस पर उनको निर्देश दिए गए | 

कार्य योजना विकास करना✊✊

अपनी कार्य योजना बनाते हुए उसकी समूह के साथ साझा करना है और एक दूसरे से चर्चा के लिए संवाद करना है इस पर सभी प्रतिभागियों को निर्देश दिए गए और आने वाली 15 तारीख तक अपने फाइनल प्रपोजल को भेज देने की लिए सूचना दी गईl

🙏 फीडबैक सत्र
सभी साथियों के द्वारा फीडबैक सत्र किया गया जिसमें सभी को खुला मंच दिया गया कि वह हमें अगली बार और बेहतर क्या हो सकता है इसके लिए सुझाव दे सकते हैं और इस बार आपको क्या बेहतर लगा क्या तकलीफ महसूस हुई उसके लिए हम अगली बार सुधार करेंगे इसके लिए वह फीडबैक दे सकते हैं सभी साथियों ने वर्कशॉप के अंतर्गत फीडबैक दिए

  1. मुझे पहली बार ऐसी वर्कशॉप में आने का मौका मिला
  2. अपनी कार्य योजना पर खुद से सोने और समझना का मौका मिला
  3. सभी साथियों का व्यवहार अच्छा लगा
  4.  गर्मी बहुत थी
  5. प्लस ट्रस्ट को मेरी तरफ से धन्यवाद दीजिएगा
  6. ललित आंटी की बात बहुत अच्छी लग
  7. माहवारी के बारे में काफी कुछ पता चला
  8. हमारे सपनों को लेकर यहां पर पहली बार किसी ने पूछा

इस तरह के अनेक फीडबैक हमें वर्कशॉप को समापन करते हुए मिले | उसके बाद में सभी साथी के साथ एक छोटा सा गीत करवाया गया और फिर सभी साथी को सर्टिफिकेट दिया गया | शैलेश जी के द्वारा लास्ट में एक गेम करवाया गया
और लोकगीत के साथ वर्कशॉप का समापन किया गया l

Udaipur Workshop Report for 2017

In 2017, plus trust received more than 100 fellowship applications out of which twenty candidates got selected for a four days workshop on self-learning and development in Udaipur. This Workshop aimed to introduce the candidates to new ideas and concepts in the field of education and provide them an opportunity to interact with people working in the same field and support them to develop their initial ideas into a sustainable project.

Please follow the link below to read the full report.
UDAIPUR WORKSHOP REPORT 2017

2016 Plustrust Retreat for Rural Women Edupreneurs

Anand Bhavan in Udaipur was the picturesque setting for our workshop. The organising team, Smriti Kedia and Charu Bhatti , felt privileged to receive over 70 applications. They identified 18 potential fellows after a rigorous screening, including four young women from Madhya Pradesh and one from Uttar Pradesh besides 14 women from South Rajasthan .

Beginning with games and activities, participants actively engaged in discussions and activities to understand different approaches, differentiating clearly between charity, service delivery and enterprise. The field visits to NGOs in education and Animal Aid and the heritage walk to Udaipur city were exciting experiences and group members. Aided by the though provoking session form Ms Lakshmi Murthy, activists Ms. Manju , Ms. Sumitra and Ms Rukmini IAS, they wrestled with their project ideas to come up with specific goals

Facilitating Learning

 

2015

Hosting an IDEX Fellow

ranjithaMs.Ranjita Sapkota, IDEX fellow joined us for a six month internship (January-July 2015). With energy and enthusiasm she worked to build the 2015 batch of fellows. She went ahead with research on the supply chain for Mid- day Meal Scheme in Ramnagara. We are indeed very grateful to Ranjita for her hard work and creative contribution. We are proud of her excellent performance as in her Masters Programme with TERI University and her subsequent selection as a Karnali Fellow in Nepal. Our best wishes to her as she returns to Nepal to find her calling.

 

Plustrust Retreats, May 2015 and May 2014 .

We had 25 enthusiastic young friends in our workshop in May 2015. They were keen to visualize their idea for social change or innovation and plan for a pilot-run of their idea. We were fortunate to have eminent resource persons like V.Sridhar (Renga Foundation), Meenakshi Vijayasimha (Advaya Humanistic Systems), Pankaj Khabiya (Ethik), Kavitha Krishnamurthy (Kilikili founder and Ashoka Fellow), Olina Banerji (Ashoka Foundation) ,Nimesh Sumati (Caring Friends), Tito Chandy(Third Umpire, Notforprofit India) and Shalini Menon (Educators’ Collective). Ashweetha, Abhijit , Kausheik and Shruthi shared their experiences as fellowship holders and 10 fellowships have been awarded. (link to fellowships page ). This workshop was modeled on the first such workshop we organized in May 2014 with 16 particiapnts. The impact of the workshop was seen in the fellowships proposals that emerged .

FGD Methodology for Naandi Foundation

In February 2015, Naandi Foundation invited us to conduct a workshop as part of planning for a nation-wide survey of adolescent girls. The Naandi team experimented with FGD questions and tested it with three representative groups. Feedback through video films of these FGDs offered powerful moments of learning.

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Practice session in Progress

AWARENESS ON ANIMAL WELFARE

2013

Jeevan Utsav

We organised a Jeevan Utsav in Itarsi on 4th and 5th August 2013 with help from our fellows there. It was a platform for connecting and networking for the 70 participants. Dairy farmers, people running Ghoshalas, Government veterinary doctors, activists working with dogs came together under one roof and deliberated together on animal welfare.

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Jeevan Utsav Workshop Udaipur